ऋषि दुर्वासा और कल्पवृक्ष
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ऋषि दुर्वासा और कल्पवृक्ष

एक समय जब श्री रामचंद्र जी का दर्शन करने के लिए अपने साठ हजार शिष्यों सहित दुर्वासा ऋषि अयोध्या को जा रहे थे, तब मार्ग में जाते हुए दुर्वासा ने सोचा कि, मनुष्य का रूप धारण कर यह तो विष्णु जी ही संसार में अवतीर्ण हुए हैं; यह तो मैं जानता हूँ किन्तु संसारी जनों…

निद्रा देवी का रोदन और श्री राम का वरदान
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निद्रा देवी का रोदन और श्री राम का वरदान

उमा अवधबासी नर नारि कृतारथ रूप।ब्रह्म सच्चिदानंद घन रघुनायक जहँ भूप॥47॥ भावार्थ:-(शिवजी कहते हैं-) हे उमा! अयोध्या में रहने वाले पुरुष और स्त्री सभी कृतार्थस्वरूप हैं, जहाँ स्वयं सच्चिदानंदघन ब्रह्म श्री रघुनाथजी राजा हैं॥ एक बार श्रीराम को नगर के बाहर किसी स्त्री का रोदन सुनायी पड़ा, उसे सुनकर श्री राम जी आश्चर्य में पड़…

नाग पंचमी – 25 जुलाई 2024
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नाग पंचमी – 25 जुलाई 2024

जानें महत्व, कथा, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि हिंदू धर्म में नाग पंचमी के पर्व का विशेष महत्व है। नाग देवताओं को समर्पित यह पर्व देश के कुछ राज्यों में सावन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि यानी 25 जुलाई दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। वहीं कुछ राज्यों में सावन मास के शुक्ल पक्ष…

भगवान शिव अपने साथ डमरू क्यों रखते हैं?
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भगवान शिव अपने साथ डमरू क्यों रखते हैं?

सावन का यह महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस पूरे माह में भगवान शिव की पूजा, जप, तप, ध्यान और साधना की जाती है। सावन का यह मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, इसलिए यह महीना उनके भक्तों के लिए भी विशेष महत्व रखता है। भगवान शिव के भक्त और साधक इस महीने…

गुरु तत्व का रहस्य
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गुरु तत्व का रहस्य

शास्त्रों में यह धारणा परिपुस्ट की गई है तथा लोगो के विचार में यह धारणा द्रढ. रहती है की गुरू एक ही हो सकता है परन्तु शास्त्रों के गहन अध्धययन से तथा जीवन में घटनाओं के अनुभव से यह पता चलता है गुरू एक नहीं अनेक हो सकते है – श्रीमद्भागवत के अनुसार पर्मावाधूत श्री…

गुरु दीक्षा क्या है?
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गुरु दीक्षा क्या है?

दीक्षा शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द दक्ष से हुई है जिसका अर्थ है कुशल होना। समानार्थी अर्थ है – विस्तार। इसका दूसरा स्रोत दीक्ष शब्द है जिसका अर्थ है समर्पण अतः दीक्षा का सम्पूर्ण अर्थ हुआ – स्वयं का विस्तार। दीक्षा के द्वारा शिष्य में यह सामर्थ्य उत्पन्न होती है कि गुरु से प्राप्त…

मंगला गौरी व्रत
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मंगला गौरी व्रत

सुहागिन महिलाएं जरूर करें यह व्रत जानें महत्व और पूजा विधि मंगला गौरी का व्रत हर साल सावन मास के मंगलवार के दिन रखा जाता है। ऐसे में सावन में आने वाले सभी मंगलवार का विशेष महत्व होता है। इस व्रत को सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्या दोनों ही रखती हैं। यह व्रत माता पार्वती…

सावन माह में ही रुद्राभिषेक का विशेष महत्व क्यों
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सावन माह में ही रुद्राभिषेक का विशेष महत्व क्यों

मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर तरह की अच्छी मनोकामनओं की पूर्ति करते हैं। इस कारण से सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ का मंदिर और घर में रुद्राभिषेक करने का खास महत्व होता है। भगवान शिव का रुद्राभिषेक…

अशून्य शयन व्रत
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अशून्य शयन व्रत

जल्द ही चातुर्मास शुरू होने वाला है। इन चार महीनों में हर महीने कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को अशून्य शयन व्रत रखा जाता है। इस व्रत की शुरुआत सावन माह से होती है। भाद्रपद, आश्विन और कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को यह व्रत करने की परंपरा है। जिस तरह महिलाएं…

देवशयनी एकादशी का व्रत
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देवशयनी एकादशी का व्रत

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का खास महत्व बताया गया है। यह व्रत जगत के पालनहार भगवान विष्णु को समर्पित है। एकादशी के दिन उपवास रखने और विधिपूर्वक पूजा करने से श्री हरि की विशेष कृपा प्राप्त होती है। प्रत्येक महीने में 2 बार एकादशी का व्रत पड़ता है पहला शुक्ल पक्ष और दूसरा कृष्ण…

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