मान्यता है कि सावन के महीने में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की हर तरह की अच्छी मनोकामनओं की पूर्ति करते हैं। इस कारण से सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ का मंदिर और घर में रुद्राभिषेक करने का खास महत्व होता है। भगवान शिव का रुद्राभिषेक अलग-अलग चीजों से किया जा जाता है जिसका विशेष महत्व होता है।
सावन में शिववास नही देखना पड़ता हैं आप किसी भी दिन रुद्राभिषेक कर सकते हैं
यह भगवान शिव का प्रचंड रूप होता है. कहा जाता है कि सावन माह में रुद्र ही सृष्टि का कार्यभार संभालते हैं. रुद्राभिषेक से अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम होता है और व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं से मुक्ति मिलती है. साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है
रूद्राभिषेक द्वारा भक्त भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हुए उन्हें प्रसन्न करते है। भगवान शिव को भोलेभंडारी के नाम से भी जाना जाता है और ये अपने भक्तो से जल्दी प्रसन्न हो जाते है। मनुष्य जिस भी उद्देश्य से रूद्राभिषेक करता है, वह पूर्ण होता है। रूद्राभिषेक करने से आपको भक्ति, सुख-शांति, खुशी, धन और सफलता मिलती है।
रुद्राभिषेक में भगवान शिव का पवित्र स्नान कराकर पूजा अर्चना की जाती है. रुद्राभिषेक को सनातन धर्म में सबसे प्रभावशाली पूजा मानी गई है, जिसका फल तत्काल मिलता है. रुद्राभिषेक से भगवान शिव प्रसन्न होकर सभी कष्टों का अंत करते हैं. यजुर्वेद में घर पर ही रुद्राभिषेक करने का विधान बताया गया है जो अत्यंत ही लाभप्रद है.
शिवपुराण की विद्येश्वर संहिता के 22 वे अध्याय में यह बताया गया है रुद्राभिषेक घर मे , मंदिर में, नदी तट पर और पर्वतों पर भी विशेष फलदायी होता है.
अगर कोई व्यक्ति कभी पूजा पाठ नहीं करता हैं मंदिर नही जाता है उसको विशेष रुप से सावन माह में रुद्राभिषेक करना चाहिएं
जो व्यक्ति ज्ञात अज्ञात मे अपराध करता हैं पित्रों कि मुक्ति के लिए कोई कार्य नहीं करता हैं परिवार में दुख तकलीफ रहता हैं उसको विशेष रुप से सावन माह में रुद्राभिषेक करना चाहिएं
पुण्य कि बढोतरी के लिए विशेष रुप से सावन माह में रुद्राभिषेक करना चाहिएं
कभी भी या विशेष रुप से सावन माह में रुद्राभिषेक करने से जीवन मे या मुत्यु के पश्चात कभी जल कि कमी नहीं होगी आपके पूर्वज खुश रहेगें
श्रद्धा भाव भक्ति से करे इस उम्मीद से कि कभी ना कभी इसका पुण्य आपको ब्याज सहित मिलेगा
शनिवार कि शाढेसाती हो कालसर्प दोष हो पितृ दोष हो संतान कि उन्नति नही तो विशेष रुप से सावन माह में रुद्राभिषेक करें

 
		 
			 
			 
			 
			 
			