महादेव की महिमा
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महादेव की महिमा

महादेव, जिन्हें शिव, भोलेनाथ, रुद्र, शंकर आदि नामों से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में त्रिदेवों (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) में से एक प्रमुख देवता हैं। महादेव की महिमा का वर्णन अनेक पुराणों, शास्त्रों, और धार्मिक ग्रंथों में किया गया है। यहाँ उनके बारे में कुछ मुख्य बिंदु दिए जा रहे हैं: महादेव और…

कनकधारा स्तोत्र का पाठ करते ही क्यों होने लगती है धन वर्षा, किसने की थी इसकी रचना?
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कनकधारा स्तोत्र का पाठ करते ही क्यों होने लगती है धन वर्षा, किसने की थी इसकी रचना?

Kanakadhara stotra: धर्म ग्रंथों के अनुसार दीपावली की रात में जब निशीथ काल हो तो कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए. ऐसे करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर धन वर्षा करती हैं. ऐसा माना जाता है कि कनकधारा स्तोत्र के पाठ को करने से दरिद्रता का नाश और मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है….

12 राशि फल | 12 Rashi Fal | Astrology | E-Book
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12 राशि फल | 12 Rashi Fal | Astrology | E-Book

“12 Rashi Fal” पुस्तक राशियों के भविष्यफल के बारे में जानकारी देती है। इसमें बारह राशियों—मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ और मीन—के लिए वार्षिक भविष्यवाणियां और सुझाव होते हैं। यह पुस्तक ज्योतिष के सिद्धांतों पर आधारित होती है और जीवन के विभिन्न पहलुओं जैसे करियर, स्वास्थ्य, प्रेम, और वित्तीय…

ऋषि दुर्वासा और कल्पवृक्ष
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ऋषि दुर्वासा और कल्पवृक्ष

एक समय जब श्री रामचंद्र जी का दर्शन करने के लिए अपने साठ हजार शिष्यों सहित दुर्वासा ऋषि अयोध्या को जा रहे थे, तब मार्ग में जाते हुए दुर्वासा ने सोचा कि, मनुष्य का रूप धारण कर यह तो विष्णु जी ही संसार में अवतीर्ण हुए हैं; यह तो मैं जानता हूँ किन्तु संसारी जनों…

निद्रा देवी का रोदन और श्री राम का वरदान
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निद्रा देवी का रोदन और श्री राम का वरदान

उमा अवधबासी नर नारि कृतारथ रूप।ब्रह्म सच्चिदानंद घन रघुनायक जहँ भूप॥47॥ भावार्थ:-(शिवजी कहते हैं-) हे उमा! अयोध्या में रहने वाले पुरुष और स्त्री सभी कृतार्थस्वरूप हैं, जहाँ स्वयं सच्चिदानंदघन ब्रह्म श्री रघुनाथजी राजा हैं॥ एक बार श्रीराम को नगर के बाहर किसी स्त्री का रोदन सुनायी पड़ा, उसे सुनकर श्री राम जी आश्चर्य में पड़…

नाग पंचमी – 25 जुलाई 2024
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नाग पंचमी – 25 जुलाई 2024

जानें महत्व, कथा, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि हिंदू धर्म में नाग पंचमी के पर्व का विशेष महत्व है। नाग देवताओं को समर्पित यह पर्व देश के कुछ राज्यों में सावन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि यानी 25 जुलाई दिन गुरुवार को मनाया जाएगा। वहीं कुछ राज्यों में सावन मास के शुक्ल पक्ष…

आयुर्वेद सार दर्पण  | Ayurved Sar Darpan | Nepali

आयुर्वेद सार दर्पण | Ayurved Sar Darpan | Nepali

आयुर्वेद सार दर्पण एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक ग्रंथ है जो आयुर्वेद के सिद्धांतों और उपचार विधियों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करता है। यह ग्रंथ आयुर्वेदिक चिकित्सकों और शोधकर्ताओं के लिए एक मूल्यवान संसाधन है। यहाँ इस ग्रंथ के प्रमुख बिंदुओं और विशेषताओं का वर्णन किया गया है: Download PDF : Ayurved Sar Darpan E-Book in Nepali…

भगवान शिव अपने साथ डमरू क्यों रखते हैं?
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भगवान शिव अपने साथ डमरू क्यों रखते हैं?

सावन का यह महीना भगवान शिव को समर्पित है। इस पूरे माह में भगवान शिव की पूजा, जप, तप, ध्यान और साधना की जाती है। सावन का यह मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, इसलिए यह महीना उनके भक्तों के लिए भी विशेष महत्व रखता है। भगवान शिव के भक्त और साधक इस महीने…

गुरु तत्व का रहस्य
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गुरु तत्व का रहस्य

शास्त्रों में यह धारणा परिपुस्ट की गई है तथा लोगो के विचार में यह धारणा द्रढ. रहती है की गुरू एक ही हो सकता है परन्तु शास्त्रों के गहन अध्धययन से तथा जीवन में घटनाओं के अनुभव से यह पता चलता है गुरू एक नहीं अनेक हो सकते है – श्रीमद्भागवत के अनुसार पर्मावाधूत श्री…

गुरु दीक्षा क्या है?
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गुरु दीक्षा क्या है?

दीक्षा शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के शब्द दक्ष से हुई है जिसका अर्थ है कुशल होना। समानार्थी अर्थ है – विस्तार। इसका दूसरा स्रोत दीक्ष शब्द है जिसका अर्थ है समर्पण अतः दीक्षा का सम्पूर्ण अर्थ हुआ – स्वयं का विस्तार। दीक्षा के द्वारा शिष्य में यह सामर्थ्य उत्पन्न होती है कि गुरु से प्राप्त…

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