चिकित्सा लंबे समय तक पाचन शक्ति ठीक न रहने और मूत्र विकार भी बना रहे तो गुर्दों में कुछ तत्व इकट्ठे होकर पथरी का रूप धारण कर लेते हैं।
पथरी बन जाने पर गुर्दों में असहनीय दर्द होता है, जो कमर तक जाता है। यदि पथरी चने के आकार की होगी तो इस उपचार से मूत्र के साथ गलकर निकल जाएगी।
उपचार
(1) गाजर व मूली के बीज 10-10 ग्राम
(2) गोखरू 20 ग्राम
(3) जवाखार और हजरुल यहूद 5-5 ग्राम (ये दोनों सामग्री आपको पंसारी के यहां मिल जाएगी )
इन सबको कूट-पीसकर महीन चूर्ण कर लें।
इसकी 3-3 ग्राम की पुड़िया बना लें।
एक खुराक 6 बजे, दूसरी खुराक 8 बजे और तीसरी शाम 4 बजे पानी मिला कर लस्सी के साथ लें।
कुलथी का काढ़ा बनाकर दिन में दो बार सुबह 9 बजे और रात को सोने से पहले पिएँ।
काढ़ा बनाने
के लिए 20 ग्राम कुलथी को दो कप पानी में डालकर उबालें। ये दोनों प्रयोग लाभ होने तक लेते रहें