Tulsidas Ji ki Katha
₹50Tulsidas Ji ki Katha (Voice : Rajesh Jha Ji)
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जब कोई व्रत या अनुष्ठान बिधिवत सम्पन्न हो जाता है, पूर्ण हो जाता है तव उस व्रत या अनुष्ठान का उद्यापन करते है ऐसे करने से उस व्रत का पूर्ण फल हमें प्राप्त होता हो जाता है। जिस उद्देश्य या इच्छा से उस व्रत को किया था वह पूर्ण हो जाता है। अन्यथा फल की हानि होती है। इसलिए जव व्रत पूर्ण हो जाए तो अवश्य ही उद्यापन करा देना चाहिए।
टीम : 1 व्यक्ति
नोट: टीम के आने-जाने व रहने का व्यय आयोजक को करना होगा।
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