Ravan Purva Janam Katha – Ravindra Jain Ji
रावण हिंदू पौराणिक कथाओं में एक प्रमुख चरित्र है, जिसे अक्सर रामायण महाकाव्य में देखा जाता है। वह लंका का राजा था और एक अत्यंत शक्तिशाली असुर था। रावण को दस सिर और बीस भुजाओं वाला बताया गया है, जिससे वह “दशानन” के नाम से भी जाना जाता है।
रावण हिंदू पौराणिक कथाओं में एक प्रमुख चरित्र है, जिसे अक्सर रामायण महाकाव्य में देखा जाता है। वह लंका का राजा था और एक अत्यंत शक्तिशाली असुर था। रावण को दस सिर और बीस भुजाओं वाला बताया गया है, जिससे वह “दशानन” के नाम से भी जाना जाता है।
रावण विद्वान, योद्धा, संगीतज्ञ और शिव का बड़ा भक्त था। हालांकि, उसकी सबसे बड़ी खामी उसका अहंकार और लालच था, जिसके कारण उसने सीता का अपहरण किया और राम के साथ युद्ध छेड़ा। अंततः, रावण का वध भगवान राम ने किया, जिसे अधर्म पर धर्म की विजय के रूप में मनाया जाता है। रावण का चरित्र जटिल और कई दृष्टिकोणों से विचारणीय है, जहां वह एक महान विद्वान और शासक था, लेकिन अपने दुराचार और अहंकार के कारण पतन का शिकार हुआ।








Devi Bhagwat Mahapuran Sanskrit 