Kalsarp Dosh Nivaran – कालसर्प दोष निवारण
काल सर्प दोष के प्रभाव से कुलक्षिणी और कलहप्रिय स्त्री मिलती है। संतान संबंधी कष्ट भी बहुत अधिक होते हैं, या तो सन्तान होती नहीं और यदि होती भी है तो बहुत बीमार या कमजोर होती है। धनाढ़य परिवार मे पैदा होने के वावजूद किसी न किसी रूप मे अप्रत्याशित आर्थिक हानि होती रहती है।
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कालसर्प दोष निवारण
यदि कुण्डली मे राहु-केतु के बीच में सारे ग्रह आ जाऐं तो कालसर्प योग बन जाता है। वास्तव मे काल सर्प योग एक ऐसा योग है जो कि व्यक्ति के पिछले जन्म मे किए गये किसी अक्षम्य अपराध के दण्ड स्वरूप जातक की कुण्डली मे दिखाई पड़ता है। जातक के जीवन मे कालसर्प योग का बहुत बड़ा प्रभाव पडता है। कभी कभी अच्छे प्रभाव भी पड़ते है। किन्तु अधिकतर कालसर्प योग दुर्भाग्य सूचक ही देखे गये हैं। इस योग से पीड़ित जातक को जीवन मे अत्यधिक संघर्षों के दौर से गुजरना पडता है। मनवांछित वस्तु की प्राप्ति मे तथा प्रगति मे अनेकों वाधाएँ आती हैं। ऐसा जातक मानसिक, शारीरिक, पारिवारिक तथा आर्थिक हर प्रकार की समस्या से लम्बे समय तक परेशान रहता है। उसके भाग्य का प्रभाव राहु-केतु अवरूद्ध कर देते है जिस कारण जातक जीवन मे उन्नति नही कर पाता। उसे रोजी-रोजगार में अत्यधिक बाधाओं का सामना करना पडता है। विवाह नहीं होता, और यदि हो भी जाए तो वैवाहिक जीवन मे कटुता और कलह वनी रहती है कभी-कभी अलगाव की भी स्थिति आ जाती है।
अत्यधिक परिश्रम करने के बावजूद यथोक्त फल की प्राप्ति नहीं होती, धन का अभाव बना ही रहता है। कभी कभी अत्यधिक कर्जे मंे भी डूब जाता है। शारीरिक और मानसिक स्थिति से परेशान होने के कारण जीवन मे निराशा उत्पन्न हो जाती है। ऐसे जातक अपने जीवन को वोझ समझने लगते है और कभी-कभी अति शीघ्र मृत्यु की कामना भी करने लगते है। अतः यदि शीघ्र ही काल सर्प दोष का निवारण नही कराया गया तो या तो जातक जीवन पर्यन्त संघर्षों से जूझता रहता है या फिर शीघ्र ही मृत्यु को गले लगा लेता है।
अतः यदि आपकी कुण्डली मे काल सर्प योग हो तो इसका उपाय अवश्य करायें। यह तो हम पहले ही वता चुके है कि कालसर्प योग हमेशा अशुभ कारक नही होते। कभी कभी यह योग शुभ फलदायक भी हो सकता है। इसलिए यह अवश्य किसी विद्वान ज्योतिषी को दिखा लें कि आपकी कुण्डली मे किस प्रकार का कालसर्प दोष है।