Bhoomi Poojan – भूमि पूजन
शास्त्रों के अनुसार किसी भी कार्य को भूमि पर प्रारम्भ करने से पूर्व चाहें वो घर वनाना हो, या कोई सार्वजनिक बडी इमारत बनाना हो, या कोई फैक्टरी कारखाना वनाना हो तो निर्माण से पूर्व पूजन का विधान है अर्थात भूमि पूजन अवश्य कराना चाहिए
टीम : 1 व्यक्ति
नोट: टीम के आने-जाने व रहने का व्यय आयोजक को करना होगा।
भूमि पूजन
जब भी किसी नई भूमि पर किसी तरह का निर्माण कार्य किया जाता है तो सर्वप्रथम भूमि पूजन कराया जाता है। मान्यता है कि यदि भूमि पर किसी प्रकार का कोई दोष है या भूमि के पूर्व स्वामी से उस भूमि पर जाने अन्जाने गलती हो गई हो, कोई बडा अपराध हो गया हो तो भूमि पूजन कराने से धरती माता सभी गलतियों तथा दोषों को क्षमा कर देती है। और निर्माण कार्य मे कोई विघ्न वाधा भी नही आती। जो भूमि पूजन किये विना ही अपना कार्य आरम्भ कर देते है उनके कार्यों मे अनेकानेक प्रकार की वाधाए आती है कई बार कार्य बीच. मे ही छोडना पडता है, कई बार ता अनहोनी घटनाए भसी घट जाती है और यदि किसी तरह से कार्य सम्पन्न हो भी जाए तो जिस उद्देश्य से निर्माण कार्य किया है उसमे वाधाएं आती हैं, जैसे आग का लग जाना , मजदूर या मालिक के अक्समात चोट लगजाना आदि
कई बार ऐसा होता है जब कोई व्यक्ति भूमि खरीदता है तो हो सकता है कि उसके पूर्व भूमि पति अर्थात विक्रेता ने वहाॅ कोई अनौपचारिक कार्य किया हो या कोई जघन्य अपराध किया हो या हो सकता है किसी अन्य व्यक्ति ने या चोर लुटेरों ने वहाॅ कोई आपराधिक कृत्य किया हो तो ऐसी स्थिती मे भूमि अपवित्र हो जाती है अर्थात वहाॅ उस भूमि पर नकारात्मक उर्जा अत्यधिक वढ जाती है और इस नकारात्मकता का प्रभाव उस पर भी पडता है जो उस भूमि का उपयोग करता है। अतः ऐसी स्थिती मे भूमि पूजन कराया जाना अति आवश्यक है।








Udhyapan Pooja - उद्यापन पूजा 