देवी भागवत महापुराण (या देवीभागवत पुराण) एक महान हिन्दू पुराण है जो शाक्त संप्रदाय (देवी उपासना करने वालों) के लिए अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है। यह ग्रंथ आदिशक्ति माँ दुर्गा की महिमा, रूपों, अवतारों और उपासना विधियों का विस्तार से वर्णन करता है।
📘 देवी भागवत महापुराण का परिचय:
🔹 रचना:
-
इसकी रचना व्यास मुनि (महर्षि वेदव्यास) द्वारा की गई मानी जाती है।
-
यह संस्कृत में लिखा गया ग्रंथ है।
-
इसमें 12 स्कंध (खंड) और लगभग 18,000 श्लोक हैं, जैसे कि भागवत महापुराण में होते हैं।
-
यह ग्रंथ देवी को परम ब्रह्म मानता है।
🔯 मुख्य विषय और विशेषताएँ:
विषय | विवरण |
---|---|
आदिशक्ति की महिमा | देवी को समस्त ब्रह्मांड की जननी और मूल शक्ति माना गया है। |
सप्तशती से आगे | यह देवी महात्म्य (दुर्गासप्तशती) से अधिक विस्तृत रूप में देवी की कथा और स्तुति प्रस्तुत करता है। |
देवी के विविध रूप | महालक्ष्मी, महाकाली, महासरस्वती, चंडी, दुर्गा, भुवनेश्वरी, त्रिपुरा सुंदरी आदि के रूपों का वर्णन। |
सृष्टि की उत्पत्ति | ब्रह्मा, विष्णु, महेश भी देवी की ही कृपा से उत्पन्न हुए — ऐसा इस ग्रंथ में बताया गया है। |
श्री देवी गीता | इसमें “देवी गीता” नामक अध्याय भी है जो गीता के समान उपदेशात्मक है, परंतु देवी के मुख से। |
भक्ति और साधना | देवी की भक्ति, उपासना, नवरात्र व्रत, मंत्र, यंत्र, और तंत्र साधनाओं का वर्णन है। |