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Vastu Shanti Poojan – वास्तु शान्ति पूजन

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कभी कभी हमारा प्यारा घर अशुभ फल देने लगता है, घर मे कलह क्लेश बढ़नें लगता है। घर के सदस्य बीमार रहने लगते, अचानक दुर्घटनाओं का सामना करना पडता है और धीरे धीरे उस घर मे देखे सभी सपने टूट जाते है। इसका मुख्य कारण यह होता है कि आपने बिधि-बिधान से गृह प्रवेश नही किया या जाने-अन्जाने वास्तु नियमों का पालन नही किया। इस लिएग्रह तथा गृहक्लेश से बचने के लिए वास्तु शान्ति तथा वास्तु की देवी भद्रकाली माता का विधिवत पूजन अवश्य करें

टीम : 1 व्यक्ति

नोट: टीम के आने-जाने व रहने का व्यय आयोजक को करना होगा।

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    वास्तु शान्ति पूजन

    वास्तु विज्ञान अतिप्राचीन विज्ञान है जो सृष्टि के मुख्य तत्वों के द्वारा निःशुल्क मिलने वाले लाभों को प्राप्त करने मे सहायता करता है। वास्तु पूजन वास्तव मे यह दसो दिशाओं का, प्रकृति के पाॅचो तत्वों का, प्राकृतिक श्रोतों और उनके साथ जुडी हुई वस्तुओं के देवी देवताओ को प्रसन्न कर प्रकृति से अत्यधिक लाभ पाने का विधान है।

    हर व्यक्ति अपना अच्छा सा घर वनाकर उसमे प्रसन्नता पूर्वक रहना चाहता है। लेकिन जब हम घर का निर्माण करते है तो हमसे कई ऐसी चूक हो जाती है जो वास्तु दोष का कारण वन जाती है। अगर घर मे वास्तु दोष है तो कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पडता है। अगर किसी स्थान पर नकारात्मक शक्ति विद्यमान है या किसी प्रकार का दोष है तो उस जगह पर रहना या कार्य करना किसी के लिए भी हितकारी नही रहता। वास्तु का हमारे जीवन मे वहुत प्रभाव पडता है।

    वास्तु दोष के लक्षण-

    • यदि आपके घर के सदस्य बार-बार बीमार पडने लगें तो समझ लीजिए आपके घर मे वास्तु दोष विद्यमान है।
    • अगर आपके घर मे आपसी झगडे बढने लगे, बच्चों से या पत्नी से या माता-पिता से अनबन रहने लगे तो आपके घर मे वास्तु दोष है
    • यदि आय से ज्यादा व्यय होने लगे फालतू के खर्चे होने लगें
    • यदि मानसिक स्थिति अव्यवस्थित हो जाए घर मे कही भी मन न लगे
    • डरावने सपने दिखने लगे, बार- बार किसी के चीखने की आवाज सुनाइ पडे या रात्रि मे नीद न आए सोंच नकारात्मक हो जाए
    • काम मे रूकावट आए, वनते-वनते काम विगड जाए,
    • वाहर मन प्रसन्न रहे किन्तु घर मे आते ही मन चिड़चिडा हो जाए
    • वच्चों की पढाई मे परेशानी होने लगे, शादी या सन्तान प्राप्ती मे रूकावट हो तो निश्चित समझ लेना चाहिए की घर मे वास्तु दोष है

    यदि इस प्रकार की परेशानियाॅ आ रही है तो आप वास्तु शान्ति अवश्य करा लीजिए। वास्तु शान्ति कराने के भी कुछ नियम होते है। जैसे विना ग्रह-नक्षत्र देखे या विना शुभ मुहूर्त देख गृह शान्ति कराना या हवन पूजन कराना फलदायी नही होता। इसके लिए शुभ नक्षत्र, शुभ दिन, तिथि, समय आदि का देखना अति आवश्यक है। वास्तु शान्ति के लिए शुभ नक्षत्र है- आश्विनि, पुनर्वसु, पुष्य, हस्त, उत्तराफालगुनी, उत्तराषाढा, उत्तराभाद्रपद, रोहिणी, रेवती, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, स्वाती, अनुराधा तथा मघा

    शुभ दिन है- सोमवार, बुधवार, गुरूवार तथा शुक्रवार

    शुभ तिथियाॅ है- द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, दशमी, द्वादशी, त्रियोदशी एवं पूर्णिमा। किन्तु ये तिथियाॅ भद्रा रहित होनी चाहिए | इसके अलावा कुछ चैघडिया, दुघडिया मुहूर्त भी होते है। जिनमे यदि अतिआवश्यक हो तो गृह शान्ति कराई जा सकती है। किन्तु इनके साथ-साथ अग्निवास तथा आहुती का भी विचार कर लेना आवश्यक है।