Product on sale

Vaibhav Lakshmi Poojan – वैभव लक्ष्मी पूजन

1,100

लक्ष्मी माता का व्रत शुक्रवार को किया जाता है इस व्रत को स्त्री या पुरूष कोई कर सकता है इस व्रत को करने से उपासक को धन और सुख-समृद्धि की प्राप्ती होती है माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है तथा माता लक्ष्मी सुख पूर्वक घर मे निवास करती है।

टीम : 1 व्यक्ति

नोट: टीम के आने-जाने व रहने का व्यय आयोजक को करना होगा।

    • Visa Card
    • MasterCard
    • American Express
    • Discover Card
    • PayPal
    • Apple Pay
    Guaranteed Safe And Secure Checkout

    वैभव लक्ष्मी पूजन

    माता लक्ष्मी का पूजन सुख-समृद्धि, धन वैभव, और ऐश्वर्य की प्राप्ती के लिए किया जाता है व्रत की प्रारम्भ करते समय 11, 16, 21 या 51 व्रत का संकल्प लिया जाता है।माता लक्ष्मी का व्रत किसी भी महीने के किसी भी शुक्रवार से प्रारम्भ कर सकते है। माता लक्ष्मी की पूजा मे सोने चाॅदी की वस्तुएं अवस्य रख्नी चाहिए।

    माॅ लक्ष्मी पूजन विधान- लक्ष्मी माता की पूजा के लिए प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त उठकर स्नान इत्यादि दैनिक कृत्यों से निबृत होकर आसन पर पुर्व या उत्तर की तरफ मुख करके वैठ जाए फिर आसन पर माता की प्रतिमा को स्थापित करे। माता की पूजा शुरू करने से पूर्व दाएॅ हाथ मे जल, फूल और चावल रख कर संकल्प करें। फिर भक्ति पूर्वक घी का दीपक जलाएं , फिर रोली, अक्षत, पुष्प से पूजन करे पंचामृत का भोग लगाएं, खीर का भोग अवश्य लगाएं। मिठाइ एवं ऋतुफल अर्पित करे माता के सामने कच्चा नारियल रखें। और अंत मे पान मे लौग इलायची सुपारी आदि रखकर माता को भेट करे। इसके वाद लक्ष्मीचालीसा वैभव लक्ष्मी व्रत कथा पढे़। लक्ष्मीसूक्त श्रीसूक्त तथा कनकधारा आदि का पाठ करें। ध्यान रहे जिसका ज्ञान हो बही पाठ करे अशुद्ध पाठ न करें यदि पाठ नही कर सकते तो केवल माता को प्रणाम कर ले माता आपकी सभी मनोकामनाए पूर्ण करेगी। पाठ के वाद आरती करे अज्ञानतावश माता की पूजा मे जो भूल हुई हो उसके लिए क्षमा प्रार्थना करे और फिर प्रसाद वाटें।

    11, 16, 21 या 51 जितने भी आपने व्रत करने का संकल्प किया है पूर्ण होने पर वैभव लक्ष्मी व्रत का उद्यापन अवश्य करें अन्यथा व्रत का कोई फल नही मिलता। इस प्रकार नियम पूर्वक वैभवलक्ष्मी का व्रत करने से घर मे कभी भी धन-धान्य की कमी नही आती और परिवार के किसी भी सदस्य की अल्पमृत्यु नही होती