Description
यह मंगल का रत्न है यह समुद्र मे वनस्पति के रूप मे पाया जाता है इसे लतामणि भी कहते है।
मूँगा को धारण करने वाले का मन प्रसन्न रहता है। पेट दर्द तथा सूखा रोग नही होता। रक्त सम्वन्धित समस्याओं से भी मुक्ति मिलती है। भाई-भाई मे प्रेम बढता है। स्वास्थ्य सम्वन्धित लाभ भी मिलता है जीवन साथी को सुख मिलता है। जीवन मे संर्घों से सामना करने की शक्ति मिलती है। आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है। शत्रु परास्त होते है।
मंगल एक साहसी ग्रह है अतः मूँगा पहनने वाला भी बहुत साहसी हो जाता है। किन्तु मूगा तभी पहने जब कुण्डली के अनुसार मंगल शुभ भाव मे हो तथा अनुकूल हो निर्वल हो। प्रतिकूल मंगल की दशा मे मूगा धारण करना आकस्मिक दुर्घटना का कारण वन सकता है, रक्त सम्बन्धित समस्यायें बढ सकती है, भाइयों से जायदाद आदि के लिए संर्घष हो सकता है इसलिए मंगल की स्थिति को देख कर ही मूगा धारण करें।
मूँगा के साथ हीरा, पन्ना, गोमेद, लहसुनिया तथा नीलम को कभी भी धारण न करें
मूँगा को मेष तथा बृश्चिक राशि वाले अर्थात जिनके नाम का प्रथम अक्षर – चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ, तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू हो वे धारण कर सकते है।
मूँगा के उपरत्नः-
- संग मूँगी
- लाल तामड़ा
- लाल जेस्पर
- कहरूआ
- विद्रुम मणि
Reviews
There are no reviews yet.