Description
मोती मुख्यतः रत्न नही है वल्कि एक जैविक संरचना है। फिर भी इसे नवरत्नों की श्रेणी मे रखा गया है। यह मुख्य रूपसे चन्द्रमा का रत्न है। इसे वैद्य लोग औषधि के रूप मे भी प्रयोग करते है
चन्द्रमा की तरह मोती भी शान्त, सुन्दर और शीतल है। इसका प्रभाव सीधा मन और शरीर के रसायनो पर पडता है। इसलिए मोती पहनना बहुत ही शुभ होता है किन्तु मोती तभी पहनना चाहिए जब कुण्डली मे चन्द्रमा अनुकूल हो। यदि कुण्डली के अनुसार चन्द्रमा प्रतिकूल हो, अशुभ भाव मे हो या नीच का हो तो मोती भूलकर भी नही पहनना चाहिए अन्यथा यह मानसिक स्थ्तिि को इतना गम्भीर कर देगा कि व्यक्ति पागल भी हो सकता है। अतः चन्द्र की स्थिति को देख कर ही मोती धारण करें
मोती के साथ पुखराज तथा मूगा धारण कर सकते है। अन्य कोई रत्न इसके साथ धारण न करें
मोती को कर्क राशि वाले अर्थात जिनके नाम का प्रथम अक्षर ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो।। हो तो वे धारण कर सकते है
मोती के उपरत्न:-
- मूनस्टोन
- ऐजेट
- सफेद हकीक
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