Deepawali Poojan – दीपावली पूजन
दीपावली वाले दिन श्रीगणेश की पूजा करने से ऋद्धि- सिऋि की प्राप्ती होती है, वल तथा विद्या की प्राप्ती होती है। तथा माता लक्ष्मी की आराधना करने से धन-सम्पत्ती की प्राप्ती है, सुख-समृद्धि मिलती है तथा मान-सम्मान बढ़ता है।
टीम : 1 व्यक्ति
नोट: टीम के आने-जाने व रहने का व्यय आयोजक को करना होगा।
दीपावली पूजन
अधर्म पर धर्म की विजय तथा अंधेरे मे प्रकाश का पर्व है दीपावली। दीपावली कार्तिक मास की अमावस्या की रात्रि मे सम्पूर्ण भारतबर्ष मे बडे ही हर्षोल्लस तथा धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन घर मे सुख-शान्ति तथा कार्य-व्यापार मे उन्नति के लिए भगवान श्रीगणेश तथा माता लक्ष्मी का पूजन किया जाता है। इस दिन श्रीगणेश की पूजा करने से ऋद्धि- सिऋि की प्राप्ती होती है, वल तथा विद्या की प्राप्ती होती है। तथा माता लक्ष्मी की आराधना करने से धन-सम्पत्ती की प्राप्ती है, सुख-समृद्धि मिलती है तथा मान-सम्मान बढ़ता है। दिवाली पर रात्रि मे जागरण कर मा लक्ष्मी की आराधना करने का विशेष महत्व है।
ऐसा माना जाता है कि इस दिन माता लक्ष्मी सम्पूर्ण रात्रि धरती पर भ्रमण करती है और जो भक्त रात्रि मे जाग कर माता लक्ष्मी की आराधना करता है उसके घर वे स्थाई रूप से निवास करती है| दीपावली वाले दिन व्यापारियों को अपने बहीखाता आदि की पूजा करनी चाहिए।
यदि किसी व्यक्ति को बहुत प्रयास करने पर भी मकान का सुख प्राप्त न हो रहा हो तो दीपावली वाले दिन किसी गरीब को भोजन करायें तथा उसे दीपक जलाने के लिए तेल, दिया तथा रूई आदि दें ऐसा करने से निश्चित ही लक्ष्मी जी की कृपा होगी तथा मकान का सुख प्रापत होगा। यदि नौकरी मे पदोन्नति न हो रही हो तो दिवाली की रात्रि मे माता लक्ष्मी की पूजा कर कम से कम 16 पाठ श्रीसूक्त के करें तो निश्चित ही माता लक्ष्मी की कृपा से सफलता प्राप्त होगी। पदोन्नति होगी तथा उच्च अधिकारी भी सम्मान देंगे
यदि किसी की कुण्डली मे पित्रृदोष या देव दोष हो तो दीपावली वाले दिन दोपहर मे 12 बजे के लगभग पितरों का तर्पण करे तथा किसी बृद्ध या गरीब को भोजन कराए तथा यथाशक्ति दक्षिणा भी दें ऐसा करने से आपके पित्र प्रसन्न होकर आशीर्वाद भी देंगे जिससे घर परिवार मे सुख-शान्ति आयेगी।